Singrauli News : ओरगाई गांव के किसान परमानंद शाह ने पारंपरिक खेती छोड़ जैविक और आधुनिक तकनीकों को अपनाया। इस बदलाव से उनकी जिंदगी बदल गई है। उन्होंने खुद बताया कि पहले वह पारंपरिक तरीके से खेती करते थे। उस समय आय भी बहुत कम होती थी। खर्चा ज्यादा होता था और मुनाफा नाममात्र का मिलता था।
परमानंद शाह ने बताया कि उन्होंने उद्यानिकी विभाग के संपर्क में आकर खेती के नए तरीकों के बारे में सीखा। विभाग के अधिकारियों ने उन्हें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत “ड्रिप इरिगेशन” की सुविधा उपलब्ध कराई। इसके अलावा “संरक्षित खेती योजना” से उन्हें “मलचिंग” तकनीक भी मिली।
इन तकनीकों की मदद से परमानंद शाह ने अब अपनी पूरी खेती का ढांचा बदल दिया है। वह अब टमाटर, तरबूज, खरबूज, खीरा, बैगन और मिर्च जैसी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। यह सभी फसलें वह जैविक और ड्रिप सिंचाई पद्धति से उगाते हैं। इससे पानी की भी बचत होती है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर रहती है।
परमानंद शाह ने बताया कि नई तकनीकों को अपनाने से उनकी लागत तो लगभग दो लाख रुपये सालाना रहती है, लेकिन आय करीब 12 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। इस तरह उनकी आमदनी छह गुना तक बढ़ गई है। पहले जहां उन्हें साल भर मेहनत के बाद भी मुश्किल से घर चलाने लायक पैसा मिलता था, अब वह अपने बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतें आराम से पूरी कर पा रहे हैं।