Singrauli Medical College News: तामझाम के साथ मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण होने के बाद लोगों को यह उम्मीद थी कि कक्षाएं भी सभी संसाधनों के साथ नवंबर से संचालित हो जाएंगी, लेकिन जो स्थितियां दिख रही हैं उससे नवंबर अंत के पहले कक्षाओं का संचालन शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। मजे की बात यह कि लोकार्पण के तीन माह बाद भी मेडिकल कॉलेज की कक्षाओं, छात्रावासों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के फर्नीचर का इंतजार है। बताया जा रहा है कि पूर्व में हुआ टेंडर कैंसिल कर दिया गया था, क्योंकि प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे थे। इसके बाद फर्नीचर खरीद की प्रक्रिया ने कछुआ चाल पकड़ ली। हालांकि, छात्रावासों और कार्यालयों में जरूरी फर्नीचर आने की बात कही जा रही है।
कॉलेज प्रशासन ने छात्र-छात्राओं के प्रवेश के बाद शिक्षण कार्य शुरू करने के लिए किराये पर बेंच, टेबल और कुर्सी आदि की व्यवस्था की है। छात्रावासों में बेड, आलमारी, बेंच कुर्सी आदि भी किराये पर लाई गई है। बताया जा रहा है कि जब तक चिकित्सा शिक्षा विभाग अपने स्तर से खरीद कर फर्नीचर की आपूर्ति नहीं कर देता है तब तक इसी से काम चलाया जाएगा।
नवंबर अंतिम सप्ताह से क्लासेज शुरू करने की तैयारी
मेडिकल कॉलेज में नवंबर दूसरे सप्ताह यानी 25 तारीख से कक्षाएं संचालित करने की तैयारी है। कॉलेज प्रशासन से जुड़े लोगों के अनुसार कक्षा संचालन व हॉस्टलों में छात्र-छात्राओं के रहवास को लेकर फर्नीचर की जरूरी व्यवस्थायें हो गई हैं। अब 25 से पहले पेयजल के लिए आरओ वॉटर कूलर आदि लगा दिए जाएंगे। इसके अलावा फैकल्टी की नियुक्ति प्रक्रिया भी नहीं पूरी हो पाएगी। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लिए जरूरी फैकल्टी के साथ कुछ अन्य विभागों में शिक्षक आए हैं।
ऑल इंडिया की एक सीट पर प्रवेश है शेष
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में स्टेट कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश हो गया है। ऑल इंडिया कोटे की 14 सीटों पर छात्रों ने एडमिलन लिया है। अब बची हुई एक सीट पर 18 को प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। प्रवेश के नोडल अधिकारी प्रो. अनिल सिंह बघेल ने बताया कि छात्र ने 18 को आने की बात कही है।
सड़क, बिजली-पानी देने में प्रशासन फेल
उधर, नौगढ़ से मेडिकल कॉलेज तक बदहाल सड़क को टूलेन बनाने की कौन कहे, उखडक़र गड्ढे व धूल में तब्दील हो चुकी सड़क को जिला प्रशासन चलने लायक नहीं बनवा पाया है। यह हाल तब है जब लोकार्पण के समय यह तय हुआ था कि एक माह में सड़क बनाने के साथ अमृत-2 पेयजल योजना के तहत नगर निगम पाइपलाइन बिछाएगा, लेकिन यह दोनों काम अभी तक नहीं शुरू हुए हैं, जबकि क्लासेज शुरू करने की तैयारी है। वहीं बिजली का मामला भी लटका हुआ है। निर्माण कंपनी ने जिस दिन आपूर्ति बंद कर दी उस दिन परिसर व हॉस्टलों में अंधेरा हो जाएगा। न प्रशासनिक काम होंगे, न क्लासेज ही संचालित हो पाएंगी.