Singrauli News : क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला दावा कर रहा है कि मोरवा एवं बैढ़न अंचल में प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। जबकि इन दिनों एनसीएन परियोजना जयंत के खदान से लेकर मोरवा तक धूल के गुब्बारों के आगे बाइक चालक परेशान होकर प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों को कोसने में कोई भी कोर कसर नही छोड़ रहे हैं।
जिले में संचालित कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी एनसीएल भले ही जीरो वैल्यूशन का दावा करती है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है सड़क पर कोयले का गुबार उड़ता है जो लगातार लोगों की सेहत खराब कर रहा है। कागजों में एनसीएल प्रबंधन सड़क पर पानी का छिड़काव और सफाई जरूर कर रहा है पर ऐसा कुछ हो नही रहा है। इस मामले पर एनसीएल के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रामविजय सिंह ने बताया कि एनसीएल प्रबंधन जीरो प्रदूषण के लिए हर संभव प्रयास करता है। क्योंकि सिंगरौली जिले में ओपन कास्ट कोल माइंस है,जिसकी वजह से कोयला सड़क मार्ग से भी गुजरता है तो इस प्रदूषण को रोकने के लिए हम सड़कों पर लगातार पानी का छिड़काव करते हैं इसके अलावा जहां से कोल वाहन गुजरते हैं उन सड़कों पर सफाई कर्मचारी रखे गए हैं जो कोयले की डस्ट को लगातार सड़क से हटाते रहते हैं मीडियाकर्मियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर आज सड़क पर प्रदूषण ज्यादा हो रहा है तो हम प्रबंधन से बात करके यह क्लियर करेंगे कि आखिर आज सड़क पर प्रदूषण क्यों है और अगर कही कोई दिक्कत होगी तो व्यवस्थाओं को ठीक किया जाएगा।
वही इस मामले पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी आरएस बेहरा का कहना है कि अभी ऐसी कोई शिकायत हमारे पास नही आई है। हम लगातार जिले में न सिर्फ एनसीएल, बल्कि सभी प्रतिष्ठानों से प्रदूषण कम से कम हो इसके लिए प्रयास रहता है और समय-समय पर कार्यवाही भी की जाती है।
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